Sunday, 29 December 2019

Virupaksha Temple Hampi in hindi

Virupaksha Temple Hampi 

Virupaksha temple in hindi

   विरुपाक्ष मंदिर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। यह मंदिर बंगलौर से 350 किलोमीटर की दूरी पर भारत के कर्नाटक राज्य, हम्पी में स्थित है। विरुपाक्ष मंदिर हम्पी के ऐतिहासिक स्मारकों के समूह का एक मुख्य हिस्सा है, विशेषकर पट्टडकल में स्थित स्मारकों के समूह में है। इस मंदिर का नाम यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। यह मंदिर भगवान विरुपाक्ष और उनकी पत्नी देवी पंपा को समर्पित है। विरुपाक्ष, भगवान शिव का ही एक रूप है। विरुपाक्ष मंदिर के पास छोटे-छोटे और मंदिर जोकि अन्य देवी देवताओं को समर्पित है।

Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर

विरुपाक्ष मंदिर का इतिहास। Virupaksha temple history


   विरुपाक्ष मंदिर का संबंध इतिहास प्रसिद्ध विजयनगर साम्राज्य से है। यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी, तुंगभद्रा नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर 7वीं सदी का है और इस पर की गई नक्काशियां 9वीं या 11वीं सदी की हैं। प्रारंभ में, विरुपाक्ष मंदिर में केवल कुछ ही मूर्तियां प्रतिष्ठापित की गई थी, लेकिन समय के साथ-साथ यह मंदिर एक विशाल भवन में विकसित हो गया। 1509 ई. में गोपुडा तथा रंग मंड़पम को कृष्णदेवराय द्वारा 1510 ई. में बनाया गया था। विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी में तीर्थ यात्रा का मुख्य केंद्र है, और सदियों से सबसे पवित्र अभयारण्य माना जाता है। आसपास के खंडहरों में यह मंदिर अब भी बरकरार है और अभी भी मंदिर में भगवान शिव की पूजा कि जाती है।

विरुपाक्ष मंदिर की वास्तुकला

   विरुपाक्ष मंदिर दक्षिण भारतीय द्रविड़ स्थापत्य शैली को दर्शाता है और ईंट तथा चूने से बनाया गया है। मंदिर के पूर्व में पत्थर का एक विशाल नंदी है, जबकि दक्षिण की ओर गणेश की विशाल प्रतिमा है। यहाँ अर्ध सिंह और अर्ध मनुष्य की देह धारण किए नृसिंह की 6.7 मीटर ऊँची मूर्ति है। विरुपाक्ष मंदिर के प्रवेश द्वार का गोपुरम हेमकुटा पहाड़ियों व आसपास की अन्य पहाड़ियों पर रखी विशाल चट्टानों से घिरा है और चट्टानों का संतुलन हैरान कर देने वाला है।



Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
   
    विरुपाक्ष मंदिर पंपापति मंदिर के रुप में भी जाना जाता है। इस पवित्र स्थान में एक मुख मंड़प (रंगा मंड़पम) है, जिसमें तीन कक्ष और स्तम्भों के साथ एक विशाल कक्ष है। विरुपाक्ष मंदिर को देखने पर, पर्यटकों को पता चलेगा कि यह मंदिर 7वीं सदी का है और इस पर की गई नक्काशियां 9वीं या 11वीं सदी की हैं।
   प्रारंभ में, इस मंदिर में केवल कुछ ही मूर्तियां प्रतिष्ठापित की गई थी, लेकिन समय के साथ-साथ यह मंदिर एक विशाल भवन में विकसित हो गया। रंगा मंड़पम को कृष्णदेवराय द्वारा 1510 ई. में बनाया गया था जो विजयनगर की वास्तुकला शैली को दर्शाता है। खंभों को, मंदिर के रसोईघर को, दीपकों को, बुर्जों तथा अन्य मंदिरों को बाद में बनाया गया है। जानवरों के नक्काशीदार विचित्र चित्र और हिंदू मिथकों का चित्रण करते चित्र वीरूपाक्ष मंदिर के मुख्य आकर्षण हैं। 1509 ई. में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने यहाँ नौ स्तरौं और 50 मीटर ऊंचा गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। 
    विरुपाक्ष मंदिर में भूमिगत शिव मन्दिर भी है। मन्दिर का बड़ा हिस्सा पानी के अन्दर समाहित है, इसलिए वहाँ कोई नहीं जा सकता। बाहर के हिस्से के मुक़ाबले मन्दिर के इस हिस्से का तापमान बहुत कम रहता है।

विरुपाक्ष मंदिर से जुड़े पौराणिक कथा 

    किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर वापस लौट गए।
    एक और पौराणिक कथा के अनुसार विरुपाक्ष मंदिर भगवान शिव और रावण के प्रसंग से जुड़ा है। त्रेतायुग में रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये कठोर तपस्या की। भगवान शिव रावण की तपस्या से बेहद प्रसन्न हुए और वर मांगने को कहा।
   रावण ने शिव को ही लंका चलने का न्यौता दिया, लेकिन भगवान शिव ने मना करते हुए रावण को एक शिवलिंग दिया। भगवान शंकर ने रावण को शिवलिंग देते हुए कहा कि इसे कहीं भी धरती पर मत रखना। यदि इसे कहीं रख दिया तो यह शिवलिंग वहीं स्थापित हो जाएगा। फिर इसे हटाया नहीं जा सकेगा।
   रावण शिवलिंग लेकर लंका की तरफ चल दिया। रास्ते में किसी वजह से रावण को रुकना पड़ गया। उसने एक बुजुर्ग को शिवलिंग पकड़ा कर कहा कि इसे जमीन पर मत रखना। लेकिन जब तक रावण आता वह बुजुर्ग उसे जमीन पर रख चुका था। रावण ने काफी प्रयास किया कि वह शिवलिंग को अपने साथ ले जा सके, लेकिन वह उसे हिला तक नहीं सका। आखिरकार रावण शिवलिंग छोड़कर लंका चला गया। तब से वह शिवलिंग यहीं है।


Virupaksha Temple  Hampi,  Hampi kaha hai?

  • स्थल:  हंपी, कर्नाटक
  • मंदिर खुलने और बंद होने का समय:  09.00 am से 01:00 pm और 05:00 pm से 09:00 pm तक
  • निकटतम रेलवे स्टेशन:  होस्पेट, विरुपाक्ष मंदिर से 13 किमी की दूरी पर है।
  • निकटतम हवाई अड्डा:  विरुपाक्ष मंदिर से 271 किमी की दूरी पर बेल्लारी एअरपोर्ट है।
  • यात्रा के लिए उत्तम समय:  श्रावण मास से फाल्गून मास का समय दर्शन के लिए उत्तम समय है।
  • मुख्य त्यौहार :  महाशिवरात्रि, वार्षिक रथ यात्रा, फलपुजा त्यौहार। 
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English Version

Virupaksha Temple Hampi


    Virupaksha Temple Hampi is one of the famous historical temples of India.  The temple is located in Hampi, Karnataka state of India, 350 kilometers from Bangalore.  Virupaksha Temple Hampi  is a major part of the group of historical monuments of Hampi, especially in the group of monuments located at Pattadakal.  The name of this temple is included in the UNESCO World Heritage Site.  The temple is dedicated to Lord Virupaksha and his consort Devi Pampa.  Virupaksha is a form of Lord Shiva.  Near the Virupaksha Temple Hampi there are many small temples which are dedicated  to other deities.

Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर

Virupaksha Temple history


   Virupaksha Temple history is related to history famous Vijayanagara empire.  The temple is located on the banks of the Tungabhadra River, Hampi, the capital of the Vijayanagara Empire.  The temple is of 7th century and the carvings done on it are of 9th or 11th century.  Initially, only a few statues were installed in the Virupaksha Temple Hampi, but over time the temple developed into a huge building.  Gopuda and Rang Mandapam were built by Krishnadevaraya in 1510 AD in 1509 AD.  Virupaksha Temple Hampi is the main center of pilgrimage in Hampi, and is considered the holiest sanctuary for centuries.  The temple is still intact in the surrounding ruins and still Lord Shiva is worshiped in the temple.


Architecture of Virupaksha Temple Hampi

    Virupaksha Temple Hampi reflects the South Indian Dravidian architectural style and is built of brick and lime.  To the east of the temple is a huge stone Nandi, while on the south side there is a huge statue of Ganesh.  There is a 6.7 meter high statue of Narsingh holding the body of half lion and half man.  The gopuram of the entrance of Virupaksha Temple Hampi is surrounded by huge rocks placed on Hemkuta hills and other surrounding hills and the balance of rocks is astonishing.

Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर

  Virupaksha Temple Hampi is also known as Pampapati Temple.  This sacred place has a Mukha Mandapa (Ranga Mandapam), which has a huge chamber with three chambers and pillars.  On seeing the Virupaksha temple, tourists will find that the temple is of 7th century and the carvings on it are of 9th or 11th century.

    Initially, only a few statues were enshrined in this temple, but over time the temple developed into a huge building.  Ranga Mandapam was built by Krishnadevaraya in 1510 AD which reflects the architectural style of Vijayanagar.  The pillars, the kitchen of the temple, the lamps, the bastions and other temples have been built later.  The quaint images of animals carved and depicting Hindu myths are the main attractions of the Virupaksha Temple Hampi.  During his consecration in 1509 AD, Krishnadeva Raya built Gopuda here nine levels and 50 meters high.

     There is also an underground Shiva temple in Virupaksha Temple Hampi.  A large part of the temple is contained in water, so no one can go there.  The temperature of this part of the temple is very low as compared to the outside.

Beliefs related to Virupaksha Temple Hampi

   One of the beliefs say that Lord Vishnu considered this place too big for his stay and returned to his home.

     According to another belief, Virupaksha Temple Hampi is associated with the context of Lord Shiva and Ravana.  In Tretayuga, Ravana did hard penance to please Lord Shiva.  Lord Shiva was very pleased with the austerities of Ravana and asked to ask for the bride.

    Ravana invited Shiva to walk to Lanka, but Lord Shiva refused and gave Ravana a Shivalinga.  Lord Shiva gave Shivling to Ravana and said that do not place it anywhere on earth.  If you put it somewhere, then this Shivling will be installed there itself.  Then it will not be removed.

    Ravana took Shivling and walked towards Lanka.  On the way, Ravana had to stay for some reason.  He caught an elder Shivling and told him not to place it on the ground.  But by the time Ravana arrived, the elderly had put him on the ground.  Ravana tried hard to take Shivlinga with him, but he could not even shake it.  Eventually Ravana left Shivling and went to Lanka.  Since then, that Shivling is here. 

Hampi kaha hai?
Virupaksha temple Hampi

  • VENUE: Hampi, Karnataka
  • Temple opening and closing hours: 09.00 am to 01:00 pm and 05:00 pm to 09:00 pm
  • Nearest railway station: Hospet, at a distance of 13 km from Virupaksha Temple Hampi
  • Nearest airport: Bellary Airport is 271 km from Virupaksha Temple Hampi.
  • Best time to visit: The time from Shravan month to Falgun month is the best time to visit.
  • Main festivals: Mahashivratri, Annual Rath Yatra, Falapuja festival.


विरुपाक्ष मंदिर की छायाचित्रे / Images of Virupaksha Temple Hampi


Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर


Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर

Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर
Virupaksha Temple / विरुपाक्ष मंदिर

Virupaksha temple Hampi

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